Category: Culture

 सीबीआरआई रुड़की की देखरेख में होगा तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार

विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित तृतीय केदार के नाम से विख्यात तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और सुरक्षात्मक…

कला,संगीत,वादन व गायन के माध्यम से संस्कार रोपित करना आज की आवश्यकता : ऋतु खण्डूडी भूषण।

कलाश्रय सांस्कृतिक संस्था द्वारा भारत रत्न प०भीमसेन जोशी की स्मृति में सातवें भीमसेन संगीत समारोह का उद्दघाटन कार्यक्रम की मुख्य…

संस्कृति मंत्रालय ने विशेष अभियान 4.0 के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत वॉकथॉन और स्वच्छता अभियान का आयोजन किया है

संस्कृति मंत्रालय ने विशेष अभियान 4.0 के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत वॉकथॉन और स्वच्छता अभियान का आयोजन…

हर्षिल के राजा के नाम से मशहूर फ्रेडरिक विल्सन के बेटों और दो गढ़वाली लड़कियों की प्रेम कहानी

फ्रेडरिक विल्सन, जिन्हें “हर्षिल का राजा” कहा जाता है, एक ब्रिटिश अधिकारी और व्यापारी थे जो भारत में अंग्रेजी शासन…

अगर मंदिर का दान सामजिक सरोकारों की तरफ मोड़ दिया जाये तो समाज में क्या बदलाव होगा

यदि मंदिरों का दान बड़े पैमाने पर सामाजिक सरोकारों की ओर मोड़ा जाए, तो समाज में कई महत्वपूर्ण और सकारात्मक…

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चैक स्थित आई. आर. डी. सभागार में आयोजित जागर लोक संस्कृति उत्सव में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चैक स्थित आई. आर. डी. सभागार में आयोजित जागर लोक संस्कृति उत्सव में…

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएँ

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएँ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है:- “जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर, मैं अपने देश के सभी नागरिकों और विदेश में रहने वाले भारतीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। जन्माष्टमी के दिन हम भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। खुशी का यह त्यौहार हमें भगवान श्री कृष्ण के दिव्य आदर्शों के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित करता है। श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच संवाद का ग्रंथ, श्रीमद्भगवद्गीता, संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा और ज्ञान का शाश्वत स्रोत है। आइए, इस अवसर पर हम भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं को आत्मसात करें और देश की प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने का संकल्प लें।” राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी…

राष्ट्रीय संस्कृति कोष

राष्ट्रीय संस्कृति कोष सरकार ने 28 नवंबर, 1996 को चैरिटेबल एंडोमेंट एक्ट, 1890 के तहत एक ट्रस्ट के रूप में राष्ट्रीय संस्कृति कोष (एनसीएफ) की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य भारत की मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने, उसकी रक्षा करने और उसे संरक्षित करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन जुटाना है। एनसीएफ के कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं: i) संरक्षित या अन्य स्मारकों के संरक्षण, रखरखाव,…

वरिष्ठ कलाकारों के लिए वित्तीय सहायता/पेंशन योजना

वरिष्ठ कलाकारों के लिए वित्तीय सहायता/पेंशन योजना संस्कृति मंत्रालय ‘वरिष्ठ कलाकारों के लिए वित्तीय सहायता’ नाम से एक योजना चला…

संस्कृति मंत्रालय द्वारा आगामी युग युगीन भारत संग्रहालय के संबंध में 1 से 3 अगस्त तक तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा

इस पहल का उद्देश्य संग्रहालय प्रबंधन के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मजबूत सहयोग को बढ़ावा देना…

मेरा गांव मेरी धरोहर के अंतर्गत गांवों का मानचित्रण और दस्तावेजीकरण

भारत सरकार के तहत संस्कृति मंत्रालय ने राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (एनएमसीएम) के माध्यम से मेरा गांव मेरी धरोहर (एमजीएमडी)…