नीति आयोग के राज्य सहायता मिशन (एसएसएम) के तहत एक पहल
नीति आयोग ने केरल के तिरुवनंतपुरम में भारत में वरिष्ठ नागरिक देखभाल को बेहतर बनाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) और केरल के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहयोग से 27 सितंबर 2024 के दिन एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिक देखभाल में लगे हुए मौजूदा कर्मियों और इस काम में आने वाली चुनौतियों के बारे में राज्यों और अन्य हितधारकों के विचार जानना और उनके सर्वोत्तम तौर तरीको को सीखना था, जो आगे चलकर अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भी उनके अपने संदर्भ के साथ लागू किए जा सके।
केरल की उच्च शिक्षा और सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. आर. बिंदु ने एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का उद्घाटन किया और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने इस कार्याशाला की अध्यक्षता की। केरल की मुख्य सचिव सुश्री शारदा मुरलीधरन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, केरल और अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ पीएफआरडीए, विश्व बैंक, डब्ल्यूएचओ इंडिया, आईआरडीएआई और अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के क्षेत्रीय और तकनीकी विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। राज्य सहायता मिशन (एसएसएम) के तहत एक पहल के रूप में इस कार्यशाला का आयोजन नीति-राज्य कार्यशाला श्रृंखला के हिस्से के तौर पर किया गया।
पूर्ण सत्र में, सबसे पहले, नीति आयोग ने कार्यशाला की संदर्भ के लिए एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी और फिर केरल सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल सम्बंधी चिंताओं को दूर करने के लिए केरल राज्य द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों पर प्रकाश डालते हुए “वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए नीतिगत सुधार: केरल में अनुभव का पुनर्कथन” विषय पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
कार्यशाला में चार सत्र आयोजित किए गए, जिनमें एक पैनल चर्चा और तीन इंटरैक्टिव गोलमेज सत्र शामिल रहें। इन सत्रों के दौरान चुनौतियों का समाधान करने, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वर्तमान पहलों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और भारत में एक समग्र वरिष्ठ नागरिक देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रतिनिधियों ने वरिष्ठ नागरिक देखभाल को बेहतर बनाने और विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिक देखभाल के विभिन्न पहलुओं, नीतिगत ढांचे और स्वास्थ्य सेवा प्रावधानों से लेकर डिजिटल साक्षरता तथा वित्तीय सुरक्षा जैसे विषयों के बारे में विचार प्रस्तुत किए। 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागियों ने जमीनी स्तर पर विचार साझा करने और तत्काल चुनौतियों के लिए सुझाव देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समापन सत्र में, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल ने वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और सहायता की अभी तक अधूरी, बड़ी आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम एक नए राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक देखभाल कार्यक्रम को चलाने और पुनर्कल्पना पर जोर दिया। अब हमारी जिम्मेदारी है, भारत में वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए समावेशी और कुशल सेवा वितरण के लिए एक व्यापक और समग्र दृष्टिकोण विकसित करना।