किसानों को कर्ज से उबारकर उनकी आय दोगुनी करने के प्रयास में जुटी नरेंद्र मोदी सरकार ने उनके लिए एक और बड़ा दांव चला है. किसान अब बांस की खेती करके करोड़ों की कमाई कर सकते हैं. बांस काटने पर फॉरेस्ट एक्ट नहीं लगेगा, जबकि कांग्रेस के शासन में बांस काटने तक पर वन कानून लागू हो जाता था. एफआईआर होती थी. फॉरेस्ट अधिकारी और पुलिस किसान को परेशान करते थे. इसलिए वो बांस लगाने से बचता था. लेकिन अब सरकार ने न सिर्फ नियम बदला है बल्कि इसकी व्यापक पैमाने पर खेती के लिए राष्ट्रीय बैंबू मिशन भी बनाया है. जिसके तहत किसान को बांस की खेती करने पर प्रति पौधा 120 रुपये की सरकारी सहायता भी मिलेगी. सरकार की कोशिश है कि किसान बांस की खेती करके मोटा लाभ कमाएं और चैन की बंसी बजाएं.
मोदी सरकार की यह स्कीम है क्या और इसका किसानों का फायदा कैसे मिलेगा, इस बारे में न्यूज18हिंदी ने कृषि मंत्रालय की एडिशनल सेक्रेटरी अल्का भार्गव से बातचीत की. भार्गव ने बताया, “सरकार बांस की खेती को मिशन की तरह आगे बढ़ा रही है. इसके लिए राष्ट्रीय बैंबू मिशन बनाया गया है. हर राज्य में मिशन डायरेक्टर बनाए गए हैं. वो जिलेवार अधिकारी तय कर रहे हैं कि कौन इस काम को देखेगा. इसमें एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट और इंडस्ट्री तीन विभाग शामिल है. इंडस्ट्री इसके प्रोडक्ट की मार्केट बताएगी.”
निजी जमीन पर नहीं लगेगा वन कानून लेकिन…
जनवरी 2018 में केंद्र सरकार ने बांस को पेड़ की कटेगरी से हटा दिया. हालांकि ऐसा सिर्फ निजी जमीन के लिए किया गया है. जो फारेस्ट की जमीन पर बांस हैं उन पर यह छूट नहीं है. वहां पर वन कानून लागू होगा.
है. चौथे साल में कटाई शुरू कर सकते हैं. चूंकि इसका पौधा तीन-चार मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसलिए इसके बीच की जगह पर आप कोई और खेती कर सकते हैं. इसकी पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल हो सकती हैं. बांस लगाएंगे तो फर्नीचर के लिए पेड़ों की कटान कम होगी. इससे आप पर्यावरण रक्षा भी करेंगे. अभी हम काफी फर्नीचर चीन से मंगा रहे हैं, इसलिए आप इसकी खेती से इंपोर्ट कम कर सकते हैं.
किसान को कितनी सरकारी सहायता मिलेगी?
तीन साल में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आएगी. जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट सरकारी सहायता मिलेगी. नार्थ ईस्ट को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान लगाएगा. 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी. जबकि नार्थ ईस्ट में 60 फीसदी सरकार और 40 फीसदी किसान लगाएगा. 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा. जिले में इसका नोडल अधिकारी आपको पूरी जानकारी दे देगा.
कितनी होगी कमाई?
जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगा सकते हैं. अगर आप 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगेंगे. साथ में आप दो पौधों के बीच में बची जगह में दूसरी फसल उगा सकते हैं. 4 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई होने लगेगी. हर साल रिप्लांटेशन करने की जरूरत नहीं. क्योंकि बांस की पौध करीब 40 साल तक चलती है.
दूसरी फसलों के साथ खेत की मेड़ पर 4 गुणा 4 मीटर पर यदि आप बांस लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में चौथे साल से करीब 30 हजार रुपये की कमाई होने लगेगी. इसकी खेती किसान का रिस्क फैक्टर कम करती है. क्योंकि किसान बांस के बीच दूसरी खेती भी कर सकता है.
बांस से क्या बना सकते हैं आप?
बांस कंस्ट्रक्शन के काम आ रहा है. आप इससे घर बना सकते हैं. फ्लोरिंग कर सकते हैं. फर्नीचर बना सकते हैं. हैंडीक्रॉफ्ट और ज्वैलरी बनाकर कमाई कर सकते हैं. बैंबू से अब साइकिलें भी बनने लगी हैं. कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई), रुड़की ने इसे कंस्ट्रक्शन के काम में लाने की मंजूरी दी है. अब शेड डालने के लिए सीमेंट की जगह बांस की सीट भी तैयार की जा रही है.