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विश्व शांति के लिए भूटान में आयोजित भव्य प्रदर्शनी की शोभा बढ़ाएंगे भारत से बुद्ध के पवित्र अवशेष “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय गौरव की भावना पूरे भारत में गूँज उठी, जब दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने राष्ट्रव्यापी उत्सव का नेतृत्व किया सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने एससी, ओबीसी और पीएम केयर्स बाल योजना के लाभार्थियों को नि:शुल्क ऑनलाइन कोचिंग प्रदान करने के लिए फिजिक्स वाला फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए भारतीय उद्योग परिसंघ ने 12वें बिग पिक्चर समिट-2025 में वेव्स बाजार के सहयोग से वैश्विक मीडिया और मनोरंजन निवेशक सम्मेलन की घोषणा की राष्ट्रीय प्राणी उद्यान 08 नवंबर, 2025 से पर्यटकों के लिए खुलेगा

किसान टपक सिंचाई और उच्च मूल्य फसलों से जुड़कर करें आजीविका सशक्त: जिला उद्यान अधिकारी

कार्यालय जिला सूचना अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर औद्यानिक नवाचारों की ओर बढ़ा पौड़ी, किसानों…

 “जब विश्वास अंधा हो जाता है — उत्तराखंड में अंधविश्वास का सच”

🕯️ “जब विश्वास अंधा हो जाता है — उत्तराखंड में अंधविश्वास का सच” 🌿 लेख उत्तराखंड की वादियाँ देवभूमि कहलाती हैं, पर…

श्रीनगर में जन-जागरुकता गोष्ठी का हुआ आयोजन

कार्यालय, जिला सूचना अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण और बाल संरक्षण पर दी गयी विस्तृत जानकारी सूचना/पौड़ी/05 नवम्बर…

इंडियाएआई मिशन के तहत भारत में AI गवर्नेंस के दिशानिर्देश जारी

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (माइटी) ने आज इंडियाएआई मिशन के तहत भारत एआई गवर्नेंस दिशानिर्देश जारी किए।  SHABD,New Delhi,…

उत्तराखंड : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा के विशेष सत्र को बताया ऐतिहासिक

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते 25 वर्षों की…

माइटी ने सभी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सुरक्षित, समावेशी और जिम्मेदारी के साथ अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए इंडियाएआई मिशन के तहत भारत में एआई गवर्नेंस के दिशानिर्देश जारी किए

प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने भारत के एआई फ्रेमवर्क के मूल सिद्धांत के रूप में ‘नुकसान न…

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी)

“भारतीय सहकारी इकोसिस्टम का सशक्तिकरण” PIB Delhi प्रमुख बिंदु एनसीडीसी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में अक्टूबर 2025 तक 49799.06 करोड़ रूपये का वितरण किया है।एनसीडीसी ने 2024-25 में 95,182.88 करोड़ रूपये का वितरण किया जो 2014-15 में 5735.51 करोड़ रूपये के वितरण से काफी ज्यादा है जो उल्लेखनीय वृद्धि प्रदर्शित करता है।एनसीडीसी ने पिछले तीन वर्षों के दौरान (वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की सहकारी समितियों को 57.78 करोड़ रूपये का ऋण का वितरण किया है।महिलाओं द्वारा संचालित सहकारी समितियों को वर्ष 2022-2025 के बीच विशेष तौर पर अवसंरचना संबंधी परियोजनाओं के लिए 2.37 करोड़ रूपये दिए गये।…

8 नवम्बर को जनपदभर में आयोजित होगा उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी सम्मान समारोह

कार्यालय, जिला सूचना अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल राज्य निर्माण के नायकों का होगा सम्मान: जिलाधिकारी सूचना/पौड़ी/05 नवम्बर 2025:मा० मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह…

राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में खिर्सू में दो दिवसीय बर्ड वॉचिंग कार्यक्रम संपन्न

कार्यालय, जिला सूचना अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बच्चों ने सीखी पक्षियों की पहचान, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार…

निर्वाचन आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय चुनाव आगंतुक कार्यक्रम 2025 को हरी झंडी दिखाई, प्रतिभागी बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान देखेंगे

निर्वाचन आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय चुनाव आगंतुक कार्यक्रम 2025 को हरी झंडी दिखाई, प्रतिभागी बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में…

उत्तराखंड: कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग की

उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित दो दिवसीय विशेष सत्र में राज्य के 25 वर्षों की उपलब्धियों…

भारत में कृषि शिक्षा एवं प्रशिक्षण

भारत में कृषि शिक्षा एवं प्रशिक्षण PIB Delhi कृषि भारत की करीब आधी आबादी की आजीविका का मुख्य साधन है और सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान लगभग 18 प्रतिशत है। उच्च शिक्षा, अनुसंधान और व्यावहारिक प्रशिक्षण के जरिये मानव क्षमता निर्माण उत्पादकता बढ़ाने, लागत कम करने और राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कृषि शिक्षा, अनुसंधान और शिक्षा संबंधी विस्तार को इस क्षेत्र का प्रमुख स्तंभ माना जाता है जो 5 प्रतिशत कृषि विकास दर के लक्ष्य  को बनाए रखने और “विकसित कृषि और समृद्ध किसान” के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए आवश्यक संस्थागत और वैज्ञानिक आधार तैयार करते हैं। यही “विकसित भारत” का मूल दर्शन है। इस दृष्टिकोण को हासिल करने के लिए, इन तीनों स्तंभों को “एक राष्ट्र – एक कृषि – एक टीम” के मार्गदर्शक सिद्धांत के तहत तालमेल से काम करना होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सार्वजनिक और निजी संस्थान सरकारी विश्वविद्यालय और संस्थान: भारत में 63 राज्य कृषि विश्वविद्यालय (एसएयू),तीन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू) (पूसा, इम्फाल, झांसी), चार “मानद” विश्वविद्यालय (आईएआरआई-दिल्ली, एनडीआरआई-करनाल, आईवीआरआई-इज्जतनगर, सीआईएफई-मुंबई) और कृषि संकाय वाले चार केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। आईसीएआर नेटवर्क में 11 एटीएआरआई (कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान) केंद्र भी शामिल हैं। निजी क्षेत्र: कृषि शिक्षा राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आती है। इन राज्यों की निजी संस्थानों की स्थापना और प्रोत्साहन के लिए अपनी नीतियां हैं। आईसीएआर की भूमिका अनुरोध पर मान्यता प्रदान करने तक सीमित है। पिछले पांच वर्षों में, आईसीएआर द्वारा मान्यता प्राप्त निजी कृषि महाविद्यालयों की संख्या 2020-21 में 5 से बढ़कर 2024-25 तक 22 हो गई है। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय वर्तमान में, भारत में तीन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू) संचालित हैं। प्रत्येक विश्वविद्यालय की स्थापना क्षेत्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी: आरपीसीएयू 8 विषयों (कृषि, बागवानी, कृषि अभियांत्रिकी, सामुदायिक विज्ञान, मत्स्य पालन, जैव प्रौद्योगिकी, वानिकी और खाद्य प्रौद्योगिकी) में स्नातक कार्यक्रम संचालित करता है। इसके अतिरिक्त यह विश्वविद्यालय कई तरह के स्नातकोत्तर कार्यक्रम चलाने के साथ पीएच.डी. भी कराता है। यह विश्वविद्यालय बिहार के समस्तीपुर जिले के पूसा, मुजफ्फरपुर जिले के ढोली और पूर्वी चंपारण जिले के पिपराकोठी में स्थित कई परिसरों के माध्यम से संचालित होता है। यह बिहार में किसानों के साथ अनुसंधान के मामले में संपर्क स्थापित करते हुए 18 कृषि विज्ञान केंद्रों का प्रबंधन भी करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप, विश्वविद्यालय ने कई अल्पकालिक प्रमाणपत्र और डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू किए हैं जिनका लक्ष्य जमीनी स्तर और मध्य-प्रबंधन स्तरों पर प्रतिभाओं को विकसित करना है जो सीधे उद्योग से जुड़ सकें। कृषि में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) किसानों का कौशल और प्रशिक्षण किसानों का कौशल और प्रशिक्षण भारत के कृषि परिवर्तन का केंद्र बन गया है। सरकार ने आधुनिक कृषि आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, किसानों को तकनीकी नवाचारों, जलवायु और बाज़ार परिवर्तनों के अनुकूल बनाने में मदद करने के लिए क्षमता निर्माण को प्राथमिकता दी है। ग्रामीण युवाओं का कौशल प्रशिक्षण (एसटीआरवाई), कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (एसएमएएम), प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई),और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) के माध्यम से की जाने वाली पहल जैसे कार्यक्रम किसानों को स्थायी कृषि पद्धतियों के लिए व्यावहारिक ज्ञान और व्यावसायिक विशेषज्ञता की जानकारी दे रहे हैं।…

एनएचआरसी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में बेटी की मृत्यु के बाद पिता द्वारा अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने के मामले का स्वतः संज्ञान लिया

एनएचआरसी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में बेटी की मृत्यु के बाद पिता द्वारा अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत दिए…

राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष पर पौड़ी में युवा महोत्सव का भव्य समापन

कार्यालय जिला सूचना अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण: सीडीओ सांस्कृतिक कार्यक्रम हमारी लोकपरंपराओं को…

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