नेशनल वन हेल्थ मिशन (National One Health Mission) एक समग्र और एकीकृत पहल है जिसका उद्देश्य मनुष्यों, पशुओं, वन्यजीवों और पर्यावरण के स्वास्थ्य को एक साथ जोड़कर देखा जाना है। यह मिशन इस विचार पर आधारित है कि इंसानों, जानवरों और पर्यावरण का स्वास्थ्य आपस में गहराई से जुड़ा हुआ है, और किसी एक में बीमारी या असंतुलन होने से बाकी पर भी असर पड़ता है।
नेशनल वन हेल्थ मिशन के प्रमुख उद्देश्य:
- ज़ूनोटिक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण:
जैसे कोरोना वायरस, निपाह वायरस, एवियन फ्लू जैसी बीमारियाँ जो जानवरों से इंसानों में फैलती हैं, उनको समय रहते रोकना। - इंटर-सैक्टोरल कोऑर्डिनेशन:
मानव स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा, वन्य जीव, पर्यावरण और जलवायु जैसे विभिन्न विभागों के बीच तालमेल और साझा कार्य प्रणाली विकसित करना। - रिसर्च और डेटा शेयरिंग:
बीमारियों पर रिसर्च को बढ़ावा देना और जानकारियों का आदान-प्रदान करना ताकि समय पर सतर्कता और रोकथाम संभव हो। - स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली (Surveillance System):
पशुओं और मनुष्यों में बीमारियों की निगरानी के लिए एक संयुक्त डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाना। - स्थानीय स्तर पर जागरूकता और क्षमता निर्माण:
पंचायतों, गांवों, पशुपालकों और किसानों को जागरूक करना और प्रशिक्षित करना ताकि वे वन हेल्थ मॉडल को समझ सकें।
इस मिशन का महत्व:
- जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, और शहरीकरण के कारण इंसान और वन्यजीवों का संपर्क बढ़ गया है, जिससे ज़ूनोटिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ा है।
- कोविड-19 महामारी ने यह दिखा दिया कि स्वास्थ्य संकट सिर्फ इंसानों का मुद्दा नहीं है – इसका संबंध जानवरों और पर्यावरण से भी होता है।
- इसीलिए, भारत सरकार ने यह मिशन शुरू किया है ताकि भविष्य में ऐसी महामारियों से बचाव हो सके।
संबंधित संस्थाएँ:
- ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद)
- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI)
- भारतीय वन सेवा (IFS)
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय