श्रद्धालुओं ने किए अनसूया माता के दर्शन,
526 निसंतान दंपति ने संतान प्राप्ति के लिए मां अनसूया की रातभर पूजा की। दंपतियों के अलावा लगभग हजारों श्रद्धालुओं ने अनसूया मंदिर में मत्था टेका। शनिवार को बणद्वारा, सगर, देवलधार, खल्ला और कठूड़ गांवों की मां ज्वाला की डोलियां बहन अनसूया से विदा लेने के बाद अपने-अपने मंदिरों में विराजमान हो गई हैं। इसी के साथ दो दिवसीय माता अनसूया मेला भी संपन्न हो गया।
शुक्रवार को रात आठ बजे तक निसंतान दंपतियों और देवी भक्तों ने अनसूया मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन किए। रात करीब साढ़े नौ बजे मंदिर समिति की ओर से पंजीकरण के अनुसार महिलाओं को माता अनसूया की पूजा के लिए बुलाया गया। अनसूया माता के पुजारी ने निसंतान दंपतियों की ओर से सामूहिक संकल्प पूजा संपन्न की। वहीं, मेले में रात्रि जागरण के दौरान भक्तों ने ऊंचू धाम तेरु माता अनसूया, हे मां, झोली मेरी भर देई, जय हो माता अणसी जैसे गढ़वाली भजनों की प्रस्तुति दी। रातभर मंदिर परिसर में देवीभक्तों ने जागरण कर भजन-कीर्तन किए। विभिन्न गांवों की मां ज्वाला की डोलियां बहन अनसूया से विदा लेने के बाद अपने-अपने मंदिरों में विराजमान हो गईं।