Spread the love

राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के वैज्ञानिकों के मुताबिक उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां हर साल टेक्टॉनिक प्लेट के 18 मिमि तक खिसकने से ऊर्जा भूमि के अंदर संचित हो रही है।

भूमि के अंदर लगातार हो रही हलचल पर नजर रखने की वैज्ञानिक कोशिश कर रहे हैं। इसी के तहत ऊखीमठ क्षेत्र में जीपीएस स्थापित किया जा रहा है। इसकी मदद से भूकंप की संभावनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के वैज्ञानिकों की टीम तुंगनाथ घाटी के रौडू गांव में जीपीएस स्थापित करने की कवायद में जुटी है। जीपीएस की मदद से ऊखीमठ व केदारघाटी में भूमि के अंदर की हलचल का अध्ययन किया जा सकेगा।

यह यंत्र एक वर्ष के बाद भूमि की गति व हलचल की रीडिंग देना शुरू करेगा, जिसके आधार पर उत्तराखंड में भूकंप की संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तराखंड में भूमि के अंदर काफी मात्रा में ऊर्जा जमा हो रही है, जो किसी भी स्तर पर ठीक नहीं नहीं है।इन हालात में समय-समय पर हल्की तीव्रता के भूकंप जरूरी है, जिससे यह ऊर्जा बाहर निकले और बड़े भूकंप की संभावनाएं खत्म हों। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, जो हालात पैदा हो रहे हैं, वह इस प्रदेश में बड़े भूकंप (8 से 9 रिक्टर स्केल) का कारण बन सकते हैं। ऐसे में व्यापक नुकसान का खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर 32 जीपीएस स्थापित किए गए हैं, जिसमें ऊखीमठ का रौडू गांव भी शामिल है।

बता दें कि केदारघाटी प्राकृतिक आपदा के चलते यह क्षेत्र पहले से अति संवेदनशील श्रेणी में शामिल है। वर्ष 1991 में उत्तरकाशी और 1999 में चमोली में आए भूकंप का प्रभाव इस क्षेत्र में पड़ा है। साथ ही वर्ष 2017 में काकलीमठ घाटी में भी भूकंप से जमीन के अंदर काफी दरारें पड़ी थी।

उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। भौगोलिक स्तर पर हो रहे परिवर्तन से यह खतरा बना हुआ है। भूमि के अंदर हो रही लगातार हलचल के अध्ययन के लिए रौडू में जीपीएस स्थापित करने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है। इस उपकरण की मदद से भूमि के अंदर की हलचल की माप मिलेगी, साथ ही भूकंप की संभावनाओं के अध्ययन में भी मदद मिलेगी।
-अमित कुमार बंसल, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद


Spread the love

By udaen

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *