लहसुन की बंपर फसल से खिले किसानों के चेहरे, आमदनी बना जरिया
हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में लहसुन की फसल की खेप बाजार में जल्द ही उतारी जाएगी.
लहसुन की बंपर फसल से खिले किसानों के चेहरे, आमदनी बना जरिया
हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में लहसुन की फसल की खेप बाजार में जल्द ही उतारी जाएगी. इन दिनों घाटी के किसान अपने खेतों से लहसुन की फसल को निकालने में जुटे हुए हैं. गौरतलब है कि घाटी में करीब 900 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की बिजाई होती है और औसतन 15 हजार मीट्रिक टन लहसुन की फसल तैयार होकर बाजार में पहुंचती है. घाटी में एक ओर जहां किसानों और बागवानों द्वारा पहले सेब, पलम, नाशपती सहित अन्य उत्पाद पैदा कर अपनी रोजी रोटी कमाते थे, वहीं अब घाटी के किसानों ने लहसुन की फसल को भी अपनी आमदानी का जरिया बना लिया है, जिससे किसानों को भी काफी फायदा हो रहा है.
किसान संजीव कुमार ने बताया कि इस बार सर्दियों में अच्छी मात्रा में बारिश और बर्फबारी हुई है, जिससे उन्हें इस बार लहसुन के अच्छे दाम मिलने के आसार हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि मार्च माह में हुई बारिश के कारण लहसुन का आकार छोटा रह गया है, लेकिन लहसुन की बंपर फसल होने से किसानों में खुशी की लहर है और किसानों को उम्मीद है कि पिछले साल की तुलना में इस बार अच्छे दाम मिलेंगे.
उन्होंने कहा कि अन्य फसलों की तरह टमाटर, गोभी, लहसुन की फसल का भी किसानों को समर्थन उचित मूल्य मिलना चाहिए ताकि किसानों की अच्छी आमदनी हो सके और किसान आत्महत्या करने को विवश न हो.
कुल्लू घाटी के एक किसान पवन ने कहा कि आजकल लहसुन का सीजन जोरों पर चल रहा है और लोग परिवार के सदस्यों के अलावा दिहाड़ी पर मजदूर लगाकर लहसुन की फसल निकाल रहे है. उन्होने कहा कि किसान नई सराकर से उम्मीद लगा कर बैठे कि किसानों की ओर भी घ्यान दें.