मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय सभागार में मध्याहन भोजन योजना की समीक्षा की मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय सभागार में विद्यालयों में उपलब्ध कराये जा रहे मध्याह्न भोजन योजना की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति की 14 वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि मध्याहन भोजन योजना के अन्तर्गत केन्द्रांश के सापेक्ष राज्यांश की देयता समय पर उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने एमडीएम संचालित विद्यालयों में नामांकित तथा औसत लाभान्वित बच्चों के अन्तर में समानता लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने एमडीएम के अन्तर्गत छात्रों को दिये जा रहे भोजन की गुणवत्ता की जांच और सघनता से करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने मध्याहन भोजन योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों द्वारा वापस की गई अनारम्भ किचन कम स्टोर की धनराशि को उपयोग में लाने के लिये विद्यालयों का पुनः परीक्षण कर सर्वशिक्षा अभियान भवन के साथ किचन कम स्टोर के निर्माण की संभावनाएं तलाशने को कहा। मुख्य सचिव ने विद्यालयों में नए प्रयोग के तौर पर आरम्भ की गई ‘‘अपना किचन अपना भोजन’’ योजना में स्वयं भी बच्चों के साथ भोजन करने तथा इस योजना का जायजा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस पहल से बच्चों में सामुहिक कार्य करने की प्रकृति तथा संस्कृति के सृजन में निश्चित रूप से बल मिलेगा। मध्याहन भोजन योजना के टोल फ्री न0 पर दर्ज शिकायतों की मुख्य सचिव द्वारा समीक्षा की गई तथा आईसीडीएस में कुपोषित बच्चों को दिया जाने वाला ‘‘ऊर्जा’’ खाद्य पदार्थ जिसकी किमत 5.36 रूप्ए प्रति 50 ग्राम है, की आपूर्ति पर चर्चा हुई। महानिदेशक शिक्षा सुश्री ज्योति यादव द्वारा बताया गया कि विगत 07 जून 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मध्याह्न भोजन वार्षिक कार्य योजना एवं बजट 201819 की प्रोजेक्ट अपूर्वल बोर्ड में प्रदेश द्वारा प्रस्तावित 16,932.14 लाख रूपए की योजना में 11,026.92 लाख रूपए का केन्द्रांश का अनुमोदन प्राप्त हुआ है। भोजन की गुणवत्ता की प्रयोगशाला में जांच पर वर्ष 2018719 में डेढ लाख रूपए का प्राविधान किया गया है। महानिदेशक शिक्षा द्वारा बताया गया कि प्रदेश में जिन विद्यालयों में एमडीएम संचालित है उनकी संख्या 12042 है तथा 04 लाख 22 हजार 447 बच्चों का इनमें नामांकन है और विद्यालयों में औसत उपस्थित बच्चों की संख्या 03 लाख 37 हजार 891 है। तथा कार्यरत भोजन माता 17 हजार 68 है तथा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत भोजन माताओं की संख्या 9456 है। । इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्तर के 5297 विद्यालयों में 02 लाख 99 हजार 538 बच्चों का नामांकन तथा औसत लाभान्वित बच्चे 02 लाख 40 हजार 870 है। उन्होंने बताया कि हंस फांउडेशन द्वारा प्रदेश के 5519 स्कूलों में गैस कनेक्शन तथा 4595 स्कूलों में गैस चूल्हा सहित गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंन यह भी बताया कि विद्यालयों में नए प्रयोग के तौर पर अपना किचन अपन भोजन योजना भी शुरू की गई है, जिसमें बच्चों के सहयोग से खाना बनाया जाता है तथा बच्चों में इससे साथ कार्य करने की संस्कृति को बल मिलता है। इस अवसर पर सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक शिक्षा डाॅ. राकेश कुंवर, निदेशक रमसा सीमा जौनसारी, संयुक्त निदेशक पी के बिष्ट सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Byudaen

Feb 8, 2019
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