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साल 2017 में बाबा रामदेव ने घोषणा की थी कि उनकी कंपनी के टर्नओवर के आंकड़े बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कपालभाति करने के लिए मजबूर कर देंगे। उन्होंने कहा था कि मार्च, 2018 तक पतंजलि की बिक्री दोगुना से अधिक बढ़कर 200 अरब रुपए हो जाएगी। हालांकि योगगुरु के दावे के उलट पतंजलि उत्पादों की बिक्री दस फीसदी घटकर 81 अरब रुपए रह गई।

करीब तीन साल पहले तक योगगुरु और व्यवसायी बाबा रामदेव की पतंजलि का कारोबार जहां बुलंदियों पर था, वहीं अब इसकी हालत खस्ता होते हुए नजर आ रही है। उपभोक्ता वस्तुओं का विशाल साम्राज्य जिसे योगगुरु ने सह-स्थापित किया, लोकसभा चुनाव पश्चात नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हिंदू राष्ट्रवाद की लहर में बदल गया था। शुरुआत में लोगों ने पतंजलि के उत्पादों पर खूब भरोसा जताया। भारत में बने नारियल तेल और आयुर्वेदिक औषधियों जैसे स्वदेशी उत्पाद विदेशी कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे थे।


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By udaen

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