जड़ी-बूटी व भेषज पौधों की खेती से बढ़ेगी किसानों की आय
भेषज विकास इकाई कोटद्वार की ओर से द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम बिरमोली में एक दिवसीय जड़ी-बूटी कृषिकरण व पौधरोपण संबंधी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में ग्रामीणों को जड़ी-बूटी एवं भेषज पौधों की खेती करने का प्रशिक्षण दिया गया। कहा गया कि जड़ी-बूटी और भेषज पौधों की खेती से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
ग्राम बिरमोली में आयोजित शिविर का शुभारंभ जिला भेषज समन्वयक एनएल रस्तोगी ने किया। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटी एवं भेषज पौधों की खेती करके किसान अपनी आय को बढ़ा सकते है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों को ऐसी नकदी और जड़ी-बूटी की खेती करनी चाहिए, जिन्हें वन्यजीव भी नुकसान नहीं पहुंचाते। जड़ी-बूटी पर्यवेक्षक जगतपाल शर्मा ने ग्रामीणों को भेषज पौधरोपण में तेजपात, रीठा, ग्राफ्टेड, आंवला और जड़ी-बूटी सर्पगंधा, सतावर, लेमनग्रास, बड़ी इलायची की खेती की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को इनकी खेती करने के तरीके बताए। शिविर में 50 किसानों को जड़ी-बूटी व भेषज पौधरोपण का प्रशिक्षण दिया गया।