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दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो ऑक्सफैम इंडिया नामक एनजीओ का फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के उसके आवेदन पर छह हफ्ते में फैसला करे। जस्टिस यशवंत वर्मा ने ऑक्सफैम की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया।

ऑक्सफैम ने याचिका दायर कर कहा है कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 में उसका एफसीआरए रजिस्ट्रेशन का नवीकरण करने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ ऑक्सफैम ने जनवरी 2022 में पुनर्विचार याचिका दाखिल किया था लेकिन अभी तक उसकी पुनर्विचार याचिका पर कोई फैसला नहीं किया गया है। ऑक्सफैम की ओर से पेश वकील प्रभासहाय कौर ने कहा कि केंद्र की ओर से कोई फैसला नहीं होने की वजह से एनजीओ के कई प्रोजेक्ट ठप हो गए हैं। एनजीओ देश के 16 राज्यों में अपने प्रोजेक्ट चला रही है। ऑक्सफैम भारत में 1951 से काम कर रही है। इस संगठन ने वंचित समुदाय और मानव विकास के लिए काफी काम किया है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि ऑक्सफैम के साथ ऐसा हो रहा है। ऑक्सफैम यहां सालों से काम कर रही है। तब केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन देने से इनकार किया है। उसके बाद कोर्ट ने गृह मंत्रालय को ऑक्सफैम के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन पर छह हफ्ते में विचार करने का निर्देश दिया।


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By udaen

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