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तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित एक मैकेनिकल इंजीनीयर एस कुमारस्वामी ने 10 साल की मेहनत से एक ऐसे इंजन का आविष्कार किया है, जो डिस्टिल्ड वाटर से चल सकेगा.व

तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित एक मैकेनिकल इंजीनीयर एस कुमारस्वामी ने 10 साल की मेहनत से एक ऐसे इंजन का आविष्कार किया है, जो डिस्टिल्ड वाटर से चल सकेगा. बताया जा रहा है कि यह अपने आप में एक अलग तरह का इंजन है, जो इको-फ्रेंडली भी है. इंजन इको-फ्रेंडली इसलिए है, क्योंकि यह ऑक्सीजन छोड़ता है और फ्यूल यानी इंधन के तौर पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल करता है. मगर अफसोस कि इस इंजन को भारत के बदले जापान में लॉन्च किया जाएगा. प्रशासनिक उदासीनता की वजह से  एस कुमारस्वामी को अपने आविष्कार को जापान में लॉन्च करना पड़ रहा है. दरअसल, तमिलनाडु के एस कुमारस्वामी ने दावा किया है कि इस इंजन को विकसित करने में उन्हें 10 साल लग गए. उनका दावा है कि यह अपने तरह का दुनिया का पहला इंजन है. उन्होंने कहा, ‘ इसे बनाने में मुझे 10 साल लग गए. यह इंधन के रूप में हाईड्रोडन का इस्तेमाल करता है और ऑक्सीजन छोड़ता है.’

Sounthirajan Kumarasamy: My dream is to introduce this engine in India, I knocked all the doors of the administrators but couldn’t get a positive response. So, I approached the Japan govt & got the opportunity, this engine will be introduced in Japan in the coming days.


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By udaen

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